प्रकृति की ओर से मनुष्य को संतुलित और सुडौल शरीर मिलता है, परंतु वह गलत खान–पान और गलत रहन–सहन के कारण शरीर को बेडौल तथा असंतुलित बना देता है। आज–कल के समय में मोटापा एक बीमारी के रूप में तेजी से फैल रहा है। खान–पान को देखते हुए मोटापे का सबसे बड़ा कारण यह है कि हम शारीरिक मेहनत उतना नहीं करते जितना कि हमें रोजाना करना चाहिए। अस्वस्थ खाने की आदत, व्यायाम की कमी तथा अधिक तनाव, यह सभी कारण आप की चर्बी को बढ़ाता है। जैसे– पीठ का भाग बढ़ जाना, पेट का मांस लटक जाना, जांघों और हाथों का फैट बढ़ जाना।
मोटापा दूर करने के कुछ सरल उपाय –
✓ सुबह या शाम कम से कम 2-3 किलोमीटर तेज चले। इसके अलावा साइकिल चलाना, खेलना, दौड़ लगाना, तैरना भी लाभदायक होता है।
✓ योगासन सबसे अच्छा उपाय इसलिए माना जाता है क्योंकि इससे मन–मस्तिष्क दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। योगासन के साथ–साथ खानपान का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसे– मौसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जी तथा फलों के रस का सेवन करना काफी लाभदायक रहता है।
✓ भोजन में दही, छाछ, सूप और सलाद व भोजन के बाद पपीता तथा अमरुद लिया जाए तो आपके पाचन में काफी सहयोग मिलता है। हमेशा भूख लगने पर ही भोजन करना चाहिए और भूख से थोड़ा कम खाना चाहिए। भोजन के बाद हमें वज्रासन में 5-10 मिनट जरूर बैठना चाहिए जिससे हमारी पाचन क्रिया ठीक रहती है।
✓ दिनभर में हमें पानी का अधिक सेवन करना चाहिए। मीठा, चीनी, नमक, घी, तेल का उपयोग कम से कम करना चाहिए।
आइए जानते हैं वह 5 महत्वपूर्ण योगासन, जिसका नियमित अभ्यास कर आप मोटापे को दूर कर सकते हैं –
1. त्रिकोणासन
(Trikonasana) –
• त्रिकोणासन की विधि (Steps
of Trikonasana) –
✓ सीधे खड़े हो जाएं, अपने दोनों पैरों के बीच 2-3 फुट की दूरी बनाएं और अपने हाथों को शरीर से सीधे सटाकर रखें।
✓ इसके बाद आप अपनी हाथों को शरीर से दूर कंधे तक फैलाएं।
✓ धीरे–धीरे सांस लेते हुए दाएं हाथ को ऊपर उठाकर कान से सटा लें। इसके साथ ही बाएं पैर को बाहर की ओर मोड़ लें।
✓ अब धीरे–धीरे सांस छोड़ते हुए अपने कमर को बाईं ओर झुकाएं।
✓ ध्यान रखें कि घुटने नहीं मोड़ें और हाथों को कान से सटाकर रखें।
✓ अब अपने दाएं हाथ को जमीन के समांतर लाए और साथ ही बाएं हाथ से बाएं ankle को छूने की कोशिश करें।
✓ इस मुद्रा में 10-20 सेकंड तक रहने का प्रयास करें और सामान्य रूप से सांस लेते रहे।
✓ अब सांस छोड़ते हुए अपनी शुरुआती पोज में आ जाए।
✓ इस आसन को 4-6 बार दोहराएं और दोबारा शुरू करने से पहले 10 सेकंड का आराम लेकर इस पूरी क्रिया को दाईं ओर से भी करें।
• त्रिकोणासन के फायदे
(Benefits of Trikonasana) –
✓ वजन को कम करता है।
✓ पेट की चर्बी को कम करता है।
✓ त्वचा को साफ करता है।
✓ जाँघ के फैट को कम करता है।
2. सर्वांगासन
(Sarvangasana) –
• सर्वांगासन की विधि (Steps
of Sarvangasana) –
✓ सबसे पहले शवासन की पोजीशन में पीठ के बल लेट जाए, और धीरे–धीरे लंबी गहरी सांस लें और छोड़ें।
✓ अब दोनों पैरों को सांस छोड़ते हुए ऊपर की ओर 90 डिग्री में ले जाएं, और दोनों हाथों की हथेली को जमीन पर रखते हुए पैरों को ऊपर उठाने में सपोर्ट करें।
✓ अब दोनों हाथों की कोहनी को मोड़ते हुए हाथों की हथेली से कमर के ऊपरी भाग को सपोर्ट करें।
✓ कमर और दोनों पैरों को आसमान की तरफ 180 डिग्री में ऊपर सीधे करने की कोशिश करें।
✓ इस पोजीशन में आपके शरीर का पूरा वजन आपके कंधों पर आना चाहिए।
✓ इस पोजीशन में 30 सेकंड से 2 मिनट तक रहने की कोशिश करें, और धीरे–धीरे सांस लें और छोड़ें।
✓ अब आसन की पोजीशन से वापस आने के लिए धीरे–धीरे पैरों को पेट की तरफ मोड़ते हुए नीचे की तरफ लाना है और हाथों की हथेली के सपोर्ट के साथ पैरों को नीचे जमीन पर वापस रखना है।
✓ इस प्रकार सर्वांगासन का चक्र पूरा होता है, इस आसन को 3-5 बार दोहराएं और दोबारा शुरू करने से पहले 10 सेकंड का आराम जरूर करें।
• सर्वांगासन के फायदे
(Benefits of Sarvangasana) –
✓ पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
✓ थायराइड ग्रंथि को मजबूत करता है।
✓ शरीर में लचीलापन और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।
✓ इस आसन को करने से चेहरे पर रक्त प्रवाह बढ़ने के कारण झुर्रियां कम होती है।
3. पश्चिमोत्तानासन
(Paschimottanasana) –
• पश्चिमोत्तानासन की विधि (Steps
of Paschimottanasana) –
✓ सबसे पहले दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाए।
✓ दोनों पैरों के बीच में दूरी ना हो और जितना हो सके पैरों को सीधा रखें। इसके साथ ही सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
✓ इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों पर रखें।
✓ अब अपने सिर और शरीर को धीरे से आगे की ओर झुकाएं और अपने घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
✓ इसके बाद गहरी सांस लें और धीरे से सांस को छोड़ें।
✓ अपने सिर को दोनों घुटने से छूने की कोशिश करें।
✓ बाहों को झुकाएं और दोनों कोहनी से जमीन को छूने की कोशिश करें।
✓ सास को पूरी तरह छोड़ दे और इसी मुद्रा में कुछ सेकंड तक बने रहे।
✓ कुछ सेकंड के बाद वापस पहली वाली मुद्रा में आ जाएं।
✓ अब सामान्य रूप से सांस लें और इस आसन को 3-5 बार दोहराएं और दोबारा शुरू करने से पहले 10 सेकंड का आराम जरूर करें।
• पश्चिमोत्तानासन के फायदे
(Benefits of Paschimottanasana) –
✓ पेट की चर्बी को दूर करने में मदद करता है।
✓ अनिद्रा की समस्या दूर करता है।
✓ हड्डियों को लचीला बनाता है।
✓ मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
4. नौकासन
(Naukasana) –
• नौकासन की विधि (Steps
of Naukasana) –
✓ सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएँ और दोनों पैरों को एक साथ जोड़ लें। दोनों हाथों को शरीर के साथ लगा ले।
✓ अब लंबी गहरी साँस लें और साँस छोड़ते हुए हाथों को पैरों की तरफ खींचे और अपने पैरों एवं छाती को उठाएँ।
✓ आपकी आँखें, हाथों की उंगलियाँ और पैरों कि उंगलियाँ एक सीध में होनी चाहिए।
✓ पेट की मासपेशियों के सिकुड़ने के कारण नाभी में हो रहे खींचाव को महसूस करें।
✓ लंबी गहरी साँसे लेते रहे और इस पोजीशन में कुछ सेकंड तक बने रहे।
✓ अब सांस छोड़ते हुए अपनी शुरुआती पोज में आ जाए।
✓ इस आसन को 3-4 बार दोहराएं और दोबारा शुरू करने से पहले 10 सेकंड का आराम जरूर करें।
• नौकासन के फायदे
(Benefits of Naukasana) –
✓ पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
✓ कमर दर्द के लिए रामबाण इलाज है।
✓ पेट की चर्बी को कम करता है।
✓ फेफड़े व सांस से संबंधी बीमारियों को दूर करता है।
5. धनुरासन
(Dhanurasana) –
• धनुरासन की विधि (Steps
of Dhanurasana) –
✓ धनुरासन करने के लिए, सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं, और अपनी chin जमीन पर लगा दे।
✓ अपने दोनों हाथों को पैरों की दिशा में कमर के पास जमीन पर रखें। आपके दोनों हाथों की हथेलियों आसमान की ओर मुड़ी होनी चाहिए।
✓ अब अपने दोनों घुटनों को मोड़कर पैरों को ऊपर उठाएं। जब आपके पैरों की दोनों एड़िया दोनों कूल्हों तक आ जाएं तब अपनें हाथों से अपनें दोनों पैरों के ankle पकड़ लें।
✓ याद रखें कि पैरों के ankle को पकड़ते समय हाथ दोनों कुहनियों से सीधे रहने चाहिए।
✓ अब धीरे–धीरे गहरी सांस भरते हुए अपनें दोनों पैरों को पीछे की ओर खींचे, और उसी के साथ–साथ अपने दोनों जांघों और कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाने का प्रयास करें।
✓ जब आप दोनों जांघों और कूल्हों को ज़मीन से ऊपर उठा रहें हो, तो उसी के साथ–साथ अपनी छाती (chest)
और गर्दन (neck) को भी जमीन से धीरे–धीरे ऊपर उठाते रहे।
✓ छाती (Chest)
पूरी तरह से ऊपर उठ जाए तब अपनी ऊपर उठी हुई गर्दन (neck) को पीछे की ओर जितना हो सके उतना ले जाने का प्रयास करें।
✓ इस पोजीशन में 10-20 सेकंड तक रहने की कोशिश करें।
✓ इसके बाद धीरे–धीरे कूल्हों और जांघों को जमीन की ओर ले आए और इसके साथ–साथ अपनी छाती और सिर को भी जमीन पर ले आए।
✓ आप दोनों हाथों के द्वारा पकड़े हुए ankle को छोड़ दें और हाथों को पैरों की दिशा में जमीन पर रख दे।
✓ धीरे–धीरे सांस छोड़ते हुए दोनों घुटने सीधे कर लें और पैरों को पहले की तरह ज़मीन पर रख दें।
✓ अंत में पेट के बल थोड़ी देर लेते रहे और थकान दूर होने पर दूसरा सेट शुरू करें।
✓ इस आसन को 3 बार दोहराएं और उसके बाद शवासन में विश्राम कर ले।
• धनुरासन के फायदे
(Benefits of Dhanurasana) –
✓ कमर और पीठ को मजबूत करता है।
✓ पेट और जांघों के फैट को कम करता है।
✓ पाचन अंगों की कार्य क्षमता को बढ़ाता है।
✓ डायबिटीज, अस्थमा और शुगर रोगों को दूर करता है।