आज हम बात करेंगे उन सभी लोगों के लिए जो योग की शुरुआत करना चाहते हैं। करियर गुरु के इस लेख में हम जानेंगे सुखासन क्या है, सुखासन करने के तरीके, सुखासन से लाभ, और सुखासन कब न करें।
योग की शुरुआत करने के लिए पहला आसन है –
“सुखासन“
सुखासन, योग की शुरुआत करने के लिए सबसे सरल आसन है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है ‘सुख‘ तथा ‘आसन‘। जैसे कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है, कि इस योग को करने से सुख और शांति प्राप्त होती है। सुखासन योग को ‘ईज़ी पोज़‘ भी कहा जाता है। यह आसन हर उम्र का इंसान कर सकता है। इस आसन को करने से पूरे शरीर मे रक्त का संचार अच्छे से होता है। सुखासन योग करने से आपको ध्यान लगाने में मदद मिलती है और आपकी थकान कम हो जाती है। सुखासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से आपकी मानसिक और शारीरिक तथा कई प्रकार की बीमारियां भी ठीक हो सकती हैं।
“सुखासन” क्या हैं –
सुखासन एक संस्कृत शब्द है। यह दो शब्दों से मिल कर बना है सुख + आसन। सुख का अर्थ होता है सरल एवं आनंद देने वाला, तथा एक ही अवस्था में बने रहने की स्थिति को आसन कहते हैं। यह आसन ध्यान करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।अगर आप योग की शुरुआत करना चाहते हैं तो यह आसन सबसे सरल आसन है और कोई भी आसानी से इस आसन को सीख कर योग की शुरुआत कर सकता है।
“सुखासन” करने के तरीके –
अगर आप सुखासन कुछ मिनट तक करने का अभ्यास कर लेते हैं तो इससे आपको मन की शांति और आराम मिलता है। वैसे तो सुखासन करना easy है लेकिन इसके कुछ steps होते हैं जिन्हे follow करके आप सुखासन अच्छे से और देर तक कर सकते हैं।
1- सुखासन करने के लिए योगा मेट बिछा कर उस पर आराम से बैठ जाएं।
2- अपने दोनो पैरों को एक-एक कर के क्रोस अवस्था में घुटनों से भीतर की ओर लाएं।
3- आपको अपनी कमर को बिल्कुल सीधा रखना होता है इस आसन को करते समय आपकी कमर मुड़ी हुई नही होनी चाहिए।
4- अपने दोनो हाथों की हथेलियों को अपने घुटनों पर उपर की ओर कर के रख लें।
5- आपके रीढ़ की हड़्डी सीधी होनी चाहिए और कंधे बिल्कुल तने हुए होने चाहिएं।
6- अगर आप चाहे तो पैरों के नीचे कुशन या फिर तकिया भी लगा सकते है।
“सुखासन” करने के अन्य लाभ –
1- इस आसन से आपका मानसिक संतुलन बना रहता है।
2- यह एक ध्यान मुद्रा है इसलिए यह आपके मन को शांती प्रदान करता है।
3- यह तनाव और चिंता कम करता है, तथा इससे आपकी रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है।
4- जिन लोगों का शरीर थोड़ा कठोर होता है उनके लिए यह आसन बहुत अच्छा होता है।
“सुखासन” कब न करें –
1- ध्यान रखें कि अगर आपके कूल्हों मे सूजन हो या किसी के कूल्हों मे चोट लगी हो तो भी इस आसन को न करें।
2- अगर कोई गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करना है तो उन्हे पहले अपने डॉक्टर से या विशेषज्ञों से सलाह ले लेनी चाहिए। अगर डॉक्टर आसन करने की सलाह दे तभी इस आसन को करना चाहिए।
तो आज से ही योग की शुरुआत करें और शरीर को स्वस्थ बनाएं|